Thursday 15 September 2016

02-10-2016 एक और शिशु का जन्म




02-10-2016
एक और शिशु का जन्म
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प्रवस पीड़ा कितनी गहन हो सकती है वह वही जानता है जो इसका भुक्तभोगी हो। लेकिन प्रवस पूर्व की पीड़ा भी कुछ कम नहीं होती। गर्भस्थ  शिशु की देखभाल, उसका गर्भ में का लालन पोषण एक टेडी खीर बनाने  जैसा है। दिमाग कहता है यह मत करो, दिल कहता है यह वह करो। आस पास के श्रेष्ठजन अपनी अपनी राय से अवगत कराने लगते हैं।  फलां डॉक्टर अच्छा है।  फलां डॉक्टर बहुत अच्छा है।  अरे उसका तो कोई केस आज तक खराब नहीं हुआ है।  बड़े बुज़ुर्ग कहने लगे यह तुम्हारे साथ पहली बार हुआ है क्या। घबराना क्या।  अब उनको कौन समझाए कि प्रवस पहली बार हो या चौथी बार, पीड़ा, उत्सुकता, आशंका , हर्षोउल्लास तो हर प्रवस में एक जैसा ही होता है।  मन ने कहा कि जरूरी नहीं की किसी चिरपरिचित हस्पताल में ही बच्चे की पैदाइश हो।  नया अस्पताल  भी चलेगा बशर्ते कि वहां के डॉक्टर प्रसूति कार्य में माहिर होने की साथ साथ शिशु की बेहतर देखभाल का नर्सरी में सारे प्रबंध भी हों।  सो सोचा समझा और एक नतीजे पर पहुँच कर एक ऐसे हॉस्पिटल में अपनों को पंजीकृत करा लिया जिसको अपना नाम कमाए एक साल भी पूरा नहीं हुआ है।  प्रशिक्षित डॉक्टरों ने बेबी का चेक अप सोनोग्राफी द्वारा  किया और अपनी अपनी बहुमूल्य राय अपने अपने नुसख़ों पर लिख दी। शीघ्र ही प्रशिक्षित डॉक्टरों द्वारा दी गयी अपनी अपनी राय एक एक करके शिशुजन्म से पहले ही आपके सामने अपने पृष्ठ और वाल पर  पर साझा करूंगा। 

आज कल शिशु जन्म  सिज़ेरियन सेक्शन से कराना प्रचलित है पर मैं अपने बेबी ' बस एक निर्झरणी भावनाओं की ' का जन्म सम्मान्य रूप से अपने समय यानी पूज्य महात्मा गाँधी जी के जन्म दिवस 02 October, 2016 पर उर्दू घर, 212 रॉउज़ एवेन्यू , दीन दयाल मार्ग ,नई दिल्ली -110002  में हिंदुस्तानी भाषा अकादेमी द्वारा  कराने  का ही निश्चय किया है।  ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि यह बच्चा गाँधी जी की ही भांति हर दिल में घर करे। आप सभी मित्रों का ,कवि  मित्रों, साहित्य मनीषियों का  का  सस्नेह  आशिर्वाद अपेक्षित है।  

नोट :-  शिशु को अपना आशीर्वाद देने जरूर पधारें।  सादर। 

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