Friday 5 June 2015

चतुष्पदी (Quatrain)-7



चतुष्पदी
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दुःख नहीं कि वह ठुकरा कर चली गयी

जाम होंठों से दूर छलका कर चली गयी

दुःख ,कि ताल ठोक वह आ गयी वापस

दूसरी से महरूम, बेवफा कर चली गयी.
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सर्वाधिकार सुरक्षित/त्रिभवन कौल

dukh nahi ki wh thukra kar chali gayi

jaam honthon se door chalkaa kar chali gayi

dukh, ki taal thok wh aa gayi wapas

doosri se mehroom, bewafa kar chali gayi.

8 comments:

  1. Ranvir Singh 1:52pm Jun 5
    आदरणीय कौल साहब, मजा आ गया आपका मुक्तक पढ़कर। पर मैं आखिरी पंक्ति का अर्थ नहीं समझ पाया। कृपया थोड़ा बताने की कृपा करें।
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    Tribhawan Kaul 1:58pm Jun 5
    पहली के जाने से खुश था बेचारा कि दूसरी पर नज़र डालेगा. पर हाय रे किस्मत, पहली ( बेवफा)वापस तो आ गयी पर उसके आने से दूसरी से हटना पड़ा...यह भाव हैं इस पंक्ति में. पढ़ कर मज़ा आया आपको, कवि को और क्या चाहिए. हार्दिक धन्वाद.Ranvir Singh जी :)
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    Ranvir Singh 2:00pm Jun 5
    धन्यवाद आदरणीय, मुझे भी यही लग रहा था। पर सुनिश्चित करना चाह रहा था।

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  2. Laxmanprasad Raamaanuj Ladiwala वाह ! क्या बात है । भावपूर्ण रचना के लिए बधाई
    Yesterday at 2:21pm

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  3. बृजेश 'ब्रज' वाह क्या बात है.... बहुतखूब
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    Harish Lohumi लूट लिया मुशायरा आदरणीय

    via fb/kavitalok 05June 2015

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  4. Gupta Kumar Sushil सुन्दरतम भाव चित्रण आ० |
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    Rakesh Dubey वाह

    via fb/kavitalok 05June 2015

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  5. Pawan Amba सर जी
    ये किसकी दास्ताँ है।। कंही। ______ तो नही
    Hahahahaha
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    Tribhawan Kaul @ Pawan Amba :-पवन जी कवि जो देखता है वह भी तो लिखता है मित्र. ज़रूरी नहीं की आप बीती हे लिखे....
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    Pawan Amba बहुत सही लिखा सर
    हल्का सा मज़ाक किया था सर
    बस आपको यूँ ही मुस्कुराते हुए देखना चाहते है We lv you Sir Tribhawan Kaul

    via fb/Kavitalok 05-06-2015

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  6. Prithviraj Singh वाह वाहहहहहहहहहहह
    बेहद सुन्दर
    अति उम्दा ।।
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    Pradyumna Chaturvedi वाह वाहहहहह_क्या कहने_
    अति सुंदर_लाजवाब सृजन_

    via fb/Kavitalok 05-06-2015

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  7. Manoj Manav वाह्ह्ह्ह्ह्ह् वाह्ह्ह्ह्ह्
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    Yamuna Prasad Dubey Pankaj वाहहहहहहहहहहहह
    वाहहहहहहहहहहहहह
    शीर्षक को सार्थक करती सुन्दर रचना...

    via fb/Kavitalok 05-06-2015

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  8. Satish Verma बहुत खूब, रोचक और मज़ेदार।
    via fb/Kavitalok 06-06-2015

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