Thursday 8 October 2015

मन की तरंग:- श्री त्रिभुवन कौल जी की पुस्तक







समोद सिंह चरौरा 
समोद wrote: "नमस्कार मित्रो .. मुझे श्री त्रिभुवन कौल जी की पुस्तक, .मन की तरंग. ,पढ़ने का अवसर प्राप्त हुआ ! श्री त्रिभुवन कौल जी ने अपने जीवन की व्यस्तता के बाबजूद भी अपनी लेखनी को सक्रिय रखते हुए अपने जीवन की 42 साल की काव्य यात्रा में .श्री डॉ हरिवंश राय बच्चन जी से लेकर .आज में (क ख ग सीखने वाला ) समोद सिंह चरौरा तक अपनी साहित्यिक उपलब्धियों को पहुँचाकर हमारे जीवन को भी काव्यमय बनाने का काम किया है !आपकी सभी रचनाएँ मनोरंजन के साथ साथ हमको भिन्न भिन्न परिस्तिथियों में अनेक समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनाती हैं ! आपकी सभी रचनाएँ दिल को छूती हैं ! आपकी विनम्र तथा सरल जीवन शैली आपकी लेखनी में उजाग्रत होती है ! मैं श्री त्रिभुवन कौल जी को अपनी शुभकामनायें देता हूँ और आशा करता हूँ की भविष्य में उनकी लेखनी हिन्दी साहित्य को समृद्ध करेगी ! ~~समोद सिंह चरौरा"
Facebook Post/08-10-2015

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