Sunday 13 March 2016

Dear friends.../बड़े ही हर्ष के साथ





Dear friends my third anthology of hindi poems ‘Bus ek nirjharni bhavnaon kee’ will soon be in your hands. Happy reading./ बड़े ही हर्ष के साथ मैं समस्त गुणीजनों को, सुधिजनो को,अपने कविमित्रों को/ मित्रों को/ प्रियजनों को सूचित करना चाहता हूँ कि मेरा तीसरा काव्य संग्रह ' बस एक निर्झरणी भावनाओं की' शीघ्र ही आपके हाथों में होगा. यह काव्यसंग्रह हिंदुस्तानी भाषा अकादमी दिल्ली द्वारा प्रकशित किया जा रहा है जो भारतीय भाषाओँ के प्रचार प्रसार और संवर्धन को समर्पित एक ऐसे संस्था है जिसका उदेश्य/ उद्देश्य हिंदी भाषा को एक संपर्क भाषा के रूप में स्थापित करना तथा अन्य भारतीय/क्षेत्रीय भाषाओँ के अधिकारों के प्रति जनमानस को अपने चेतनात्मक एवं रचनात्मक कार्यकर्मो द्वारा जागरूक करना है. मेरे इस नवीन काया संग्रह के लिए आपका स्नेह और आशीर्वाद अपेक्षित है. सप्रेम.
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हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी की एक और बेहतरीन प्रस्तुति। श्री त्रिभवन कौल जी का काव्य संग्रह " बस एक निर्झरणी भावनाओं की" शीघ्र आपके हाथों में होगी।जिस तरह कौल साहब का व्यक्तित्व कश्मीरियत से रंगा है ठीक उसी तरह उनकी रचनाओं में केसर की खुशबू बिखरी हुयी है। हिन्दी साहित्य को समृद्ध करते इस मधुर काव्य संग्रह का अकादमी परिवार अभिनंदन करता है।

हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी



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