Tuesday 6 June 2017

बैठे हैं दूर तुमसे

बैठे हैं दूर तुमसे
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बैठें हैं दूर तुमसे
करके तुमसे किनारा
किश्ती में बैठ गए हैं
साहिल का ले सहारा.

खेता हूँ नाव अपनी
यादों के चप्पुओं से
लहरों से खेलता हूँ
लहरों का ले सहारा.

ले जा रही है किस्मत
मुझको खबर नहीं है
मंजिल मेरी वहीँ है
चमके जहाँ सितारा.

नैया भूली भटकी
भंवर में फंस गयी है
निकलू वहां से कैसे
गहरी नदी की धारा.

खो जाऊं गर कहीं मैं
कोशिश तुम एक करना
मोती को ढूंढना तुम
सीपों का हो बहाना.
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सर्वाधिकार सुरक्षित/त्रिभवन कौल



Seashell image : curtsy Google.com

3 comments:


  1. Chanchala Inchulkar Soni
    बहुत ही खुबसूरत भावाभिव्यक्ति ..._/\_
    June 7 at 2:16pm
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    विवेक शर्मा आस्तिक
    वाह वाह बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति सर . छंदमुक्त में भी गेयता और तुकबंदी आ जाने से बहुत सुंदर रचना हुई . सादर नमन
    June 7 at 2:19pm
    +++
    Chanchlesh Shakya
    छंदमुक्त में भी प्रवाह होना चाहिए.. बिना प्रवाह कविता नहीं गद्य मानो भाई
    June 7 at 5:08pm
    +++
    विवेक शर्मा आस्तिक
    सही कहा भाई. आपने
    June 7 at 8:46pm
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    Reeta Grover
    अति उत्तम
    June 7 at 3:25pm
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    Raj Kishor Pandey
    वाह वाह लाजवाब रचना
    June 7 at 4:30pm
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    Chanchlesh Shakya
    वाहहहह वाहहहह बहुत ही सुन्दर
    June 7 at 5:06pm
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    चंद्रकांता सिवाल
    बहुत खूब
    June 7 at 6:11pm
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    नीरजा मेहता
    अति सुंदर अभिव्यक्ति
    June 7 at 8:42pm
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    Savita Saurabh
    वाह बेहतरीन सृजन आदरणीय
    June 7 at 11:54pm
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    ओम प्रकाश शुक्ल
    बेहतरीन सर
    June 8 at 6:13am
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    Mona Singh
    वाह वाह बहुत ही सुंदर रचना आदरणीय
    June 8 at 12:12pm
    ------------------------via fb/ युवा उत्कर्ष साहित्यक मंच

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  2. Via fb/Purple Pen
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    Chanchala Inchulkar Soni
    वाहह्ह्ह् बहुत ही खूबसूरत सृजन ..._/\_
    June 7 at 2:10pm
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    Alka Tripathi
    सुंदर रचना सर जी
    June 7 at 3:02pm
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    चंद्रकांता सिवाल
    अतिसुन्दर सादर
    June 7 at 4:11pm
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    वसुधा कनुप्रिया
    वाहहहहह शानदार पेशकश आदरणीय ।
    June 7 at 5:07pm
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    Meenakshi Mathur
    वाह बहुत खूब आदरणीय
    June 7 at 6:12pm
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    Indira Sharma
    वाह अति सुन्दर रचना
    June 7 at 6:25pm
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    Vinita Singh
    वाह उम्दा
    June 7 at 6:34pm
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    Manisha Chauhan
    सुन्दर रचना आदरणीय
    June 7 at 6:40pm
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    Madhvi Karol
    Wah badhiya Kriti
    June 7 at 7:11pm
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    Rekha Joshi
    बहुत खूब
    June 7 at 7:34pm
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    Kailash Nath Shrivastava
    बहुत सुन्दर ऱचना आदरणीय वाहहह
    June 7 at 7:58pm
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  3. Bhishm Chaturvedi
    सुन्दर
    June 11 at 10:20am
    --------------------------via fb/निर्झरणी भावनाओं की

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