Wednesday 16 August 2017

देश की कसम



देश की कसम
-------------
देश की कसम
है यही रस्म
खदेड़ शत्रु को
या करो भस्म। 

तिरंगे की शान हो
तिरंगे का मान हो
रखे जो बद नज़र
बचे ना वह,ज्ञान हो।  

पथ्थरबाज़ों की दुकान
आतंक की ख़ूनी खान
कर दो नेस्तनाबूद
भारत अपना जी -जहान। 

सलामती की चाह हो
शहादत बस राह हो
सिखा गद्दारों को सबक़
बस देश की परवाह हो। 

विरोध करेंगे घोर भी
बुद्धिजीवी शोर भी
बिके हुए हैं कुछ यहाँ
निपटेंगे यह दौर भी। 

पाक हो या चीन हो
काल जो संगीन हो
भारती का तेज ऐसा
दुश्मन भी दीन हो।

भारत कहो या हिन्दुस्तान
दिल हमारा, अपनी  जान
देश भक्ति धर्म अपना
कोई मज़हब और मान। 

जय भारत, हिन्दुस्तान
देश  रक्षा, दे बलिदान
जीवन का  लक्ष्य महान
जय भारतहिन्दुस्तान
जय भारतहिन्दुस्तान
जय भारतहिन्दुस्तान
----------------------------- 

सर्वाधिकार सुरक्षित /त्रिभवन कौल

5 comments:

  1. All comments via fb/युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच
    ----------------------------------
    Rajnee Ramdev
    बहुत खूब
    August 16 at 9:40pm
    -------------------
    Chanchala Inchulkar Soni
    लाज़वाब सृजन ...
    August 16 at 9:41pm
    ---------------------
    Lokendra Mudgal
    बहुत खूब
    August 16 at 10:03pm
    ---------------------
    Vivek Astik
    बहुत सुंदर सर. नमन
    August 16 at 10:40pm
    ---------------------
    Sushma Singh
    आदरणीय अति सुंदर रचना
    August 16 at 11:25pm
    ---------------------
    Rajesh Srivastava
    वाहहह सराहनीय राष्ट्रीयभावों की अभिव्यक्ति
    August 17 at 12:03am
    -----------------------
    गुप्ता कुमार सुशील
    जयहो ...लेखनी को नमन आदरणीय.🙏
    August 17 at 2:39am
    ----------------------
    DrDamyanti Sharma
    देशभक्ति से ओतप्रोत अति सुंदर रचना
    August 17 at 5:34am
    ---------------------
    Ravi Sharma
    बहुत ख़ूब सूरत ।हमारा हिन्दुस्तान
    August 17 at 5:59am
    ---------------------
    Prince Mandawra
    शानदार जय हिंद
    Augsut 17
    ---------------------

    ReplyDelete
  2. Vijay Anand
    अत्युत्तम सृजन
    August 18 at 9:07pm
    -------------------------
    गुप्ता कुमार सुशील
    वाहह सार्थक एवं सुन्दर प्रस्तुति आदरणीय.🙏
    August 19 at 2:04am
    -------------------------
    Umesh Srivastava
    बेहतरीन
    August 19 at 9:07am
    --------------------via fb/मुक्तक-लोक

    ReplyDelete
  3. via fb/निर्झरणी भावनाओं की
    -----------------------
    Manoj Kumar Mishra
    August 19 at 9:52pm
    वाह।उत्तम रचना

    ReplyDelete
  4. via fb/निर्झरणी भावनाओं की
    -------------------------
    चन्द्रशेखर चतुर्वेदी
    August 19 at 10:23pm
    Jy hind

    ReplyDelete
  5. मुरारि पचलंगिया
    बहुत सुंदर
    August 17 at 2:47pm
    --------------------
    वसुधा कनुप्रिया
    बस देश की परवाह हो.. . अति सुन्दर, व ओजपूर्ण अभिव्यक्ति आदरणीय । जय हिंद!
    August 19 at 10:24pm
    --------------------via fb/Purple Pen

    ReplyDelete