Friday 27 January 2017

A Date with.........?

A Date with.........?
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Screech, bang, crash, living dead
Giant SUV turning turtle painting road red
Animals and creatures come in hordes
Ready to gulp bait, crocodiles at crossroad
Goose bumps appearing and disappearing
Out of line ants and deer falling
Snakes, trying to wriggle out
Lizards getting sudden bout
Angles and demons flying around
Cries and groans of dead abound
Banging of doors and clanging of bells
Shattering of silence frozen in hell
Sliding down a black hole
Please God ! Save my soul
Losing faith, breaking down
In my seat shrinking down
Wide eyed absorbing the brutal shock
“Is she alive ? Why wearing white frock?”
Want to scream and shout
Run run but bolted out
Dreadful chill through the spine
Someone whispers, “you are miiiiiine”
Sweat sprouts fountain like
Watching my ancestor holding the mic
 “Come out of stupor my poor child !
 Forget the damn accident and don’t rewind”
Frenzied activities slow the pace
My wife’s love only saving grace
Am I possessed ? No. Let me tell you fair and square
Just having another date with this stupid nightmare.
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All rights reserved/Tribhawan Kaul

Wednesday 25 January 2017

लाली का सपना (एक लघु कथा)


लाली का सपना (एक लघु कथा)

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सोलह साल की उम्र में सपनो को भी पर लग जाते हैं I  वह सपने जिनका जीवन की आपा धापी से कुछ लेना देना नहीं I एक बार देखने लग जाओ तो अफीम जैसा चस्का लगा देतें हैं यह सपने I बस देखते ही रहो, सोते जागते देखते ही रहो I लाली भी नवयौवन के उन सपनो में अपना संसार बसा सकती थी। वह सपने जो उसके जीवन में कभी भी पूरे नहीं हो सकते थे I पर वह देखती थी क्यूंकि उसके पास जीवित रहने के लिए सपनों के सिवाय कुछ भी तो नहीं था I सपने ही उसको ज़िंदा रखे हुई थे I सपने अगर उसके साथी नहीं होते तो शायद वह कब का इस दुनिया को छोड़ कर चली जाती, अपनी माँ की तरह I पर सपनो में वह ताकत है जो पूरे होने लगे तो मरते हुए इंसान में भी एक बार जान फूंक दे I अपने सपनो को पूरा करने का सपना।   ज़िंदगी को  भरपूर जीने का सपना I अपने प्यार के साथ रहने का सपना।  कुछ बनने का सपना।  कुछ कर गुजरने का सपना।  सपने तब सपने नहीं रह जाते।  एक उद्देश्य पूर्ती का साधन  बन, तीव्र इच्छा का रूप धारण कर लेते हैं। सपनो में अगर किसी मनुष्य  में निष्क्रयता की भावना लाने का सामर्थ्य है तो किसी में  उन सपनो को साकार करने का मन्त्र एक हताश हुए इंसान में जान फूंकने का कार्य भी करते हैं।  सपनो की इस ताकत को बड़े से बड़े वैज्ञानिकों ने, दर्शन शास्त्रियों ने स्वीकारा है। लाली के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। लाली ने केवल एक ही सपना देखा था I माँ की इच्छा पूर्ण करने का I जब सपने इच्छा का रूप धारण कर लेतें हैं तो दृढ  इरादे वाले, दृढ इच्छा शक्ति वाले उन सपनो को पूरा करने में एड़ी चोटी का ज़ोर लगा देते  हैं I लाली की मां का सपना उसको पढ़ा लिखा कर उसे ज़िंदगी की उन ऊंचाइयों को प्राप्त कराना था जहां लाली किसी भी सुख सुविधा से वंचित ना रह सके I  उसका लक्ष्य एक ही था लाली को स्कूल भेजना। यही उसका सपना भी था

मां के  उसी सपने को लाली पूरा करने में लगी थी।  लाली  एक कुशल , बुद्धिमान, और स्वाभिमानी लड़की थी।  शीघ्र ही उसने स्कूल में वह मुकाम हासिल कर लिया जो किसी भी स्कूल के लिए गर्व की बात हो सकती थी I उसने 12 क्लास में उच्च्तम श्रेणी में सफलता हासिल कर ना केवल स्कूल का नाम रोशन किया अपितु आगे की शिक्षा दीक्षा के लिए सरकार से वजीफा भी प्राप्त किया। 

दस बरस बीत गए. आज लाली भारत सरकार के एक प्रतिष्ठित संस्थान  में एक ऊंचे पद पर भारत का नाम रोशन कर रही है I

जो केवल सपने ही देखतें रह जाते हैं, सपने कभी भी उनका साथ नहीं छोड़ते और उनके सपने सपने ही रह जातें हैं। पर जो सपनों को साकार करने में जुट जातें हैं उनके सपने तो पूरे होते ही हैं अन्य  सपनो को साकार करने की वजह भी मिल जाती है I

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सर्वाधिकार सुरक्षित/त्रिभवन कौल

Thursday 19 January 2017

चतुष्पदी (Quatrain)-33

Etah School Bus Accident: 25 Children Dead After Collision With Speeding Truck :- A prayer and a tribute. RIP
Jan 19, 2017
उत्तर प्रदेश: एटा में स्कूल बस और ट्रक में टक्कर, 25 बच्चों की मौत:- बस एक प्रार्थना और श्रदांजलि।ईश्वर उन सब मासूमो की आत्मा तो अपने श्री चरणों में स्थान दें और उनके माता -पिता को इस असमय के प्रहार को सहन करने की शक्ति दे। 
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Un maasoom roohon ko bulaaya tumne kyun kar ?

Duniya kya sirf khudgarzon ke liye banaayi hai ?
Khata kya ? kuchal dale armaan ma-baap ke
Zindgi de phir lee, kyun aise teri khudayi hai ?

उन मासूम रूहों को बुलाया तुमने क्यों कर ?
दुनिया क्या सिर्फ ख़ुदग़र्ज़ों के लिए बनाई है?
ख़ता क्या ? कुचल डाले अरमान माँ-बाप के
ज़िन्दगी दी फिर ली ,क्यों ऐसी तेरी ख़ुदाई है ?
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 त्रिभवन कौल/19-01-2017