Wednesday 3 January 2018

हाइकु श्रृंखला -2

उज्ज्वल सूर्य 
लुप्त होते सितारे
शोषित बच्चे I
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वसंत ऋतु
राग-रंग उत्सव 
पिघले बर्फ I
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पर्वत श्रेणी 
सर्पिल पथ राही 
चै वृंदगान I

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प्रेम के क्षण 
बेहतरीन पल 
बददुआएं I
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झरते पात
स्वर्ण, भूरे, पीताभ
नग्न चित्रण I

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सर्दी की ऋतू
ठिठुरते मनुष्य

सिवाय दिल I
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सर्वाधिकार सुरक्षित / त्रिभवन कौल 

4 comments:

  1. Via fb/ युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (न्यास)
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    Chanchala Inchulkar Soni 5:12pm Jan 3
    वाहहह बहुत सुंदर सृजन आदरणीय
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    Kviytri Pramila Pandey 5:12pm Jan 3
    वाहहहहह अतिसुंदर
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    Subhash Singh 5:12pm Jan 3
    अति सुंदर
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    Rajnee Ramdev 5:12pm Jan 3
    वाहह बहुत सुंदर
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    गुप्ता कुमार सुशील 5:12pm Jan 3
    वाह्ह्ह्ह् वाह्ह्ह्ह्...सुन्दर शब्द जड़ित सार्थक अभिव्यक्ति आदरणीय......जयहो..नमन.🌹
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    अलका गुप्ता 5:12pm Jan 3
    वाह्ह्ह अति सुंदर सभी हाईकू
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    वसुधा कनुप्रिया 6:20pm Jan 3
    भावपूर्ण प्रस्तुति आदरणीय

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  2. via fb/निर्झरणी भावनाओं की
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    Dipak Kumar
    January 4 at 12:56pm
    शानदार प्रस्तुति

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  3. via fb/Purple Pen
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    DrAtiraj Singh 6:00pm Jan 3
    प्राकृतिक स्वरूप...सुंदर चित्रात्मक हाइकु.....
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    वसुधा कनुप्रिया
    January 3 at 6:35pm
    बहुत सुन्दर हाइकु सृजन आदरणीय Tribhawan Kaul जी । हाइकु विधा की विस्तृत जानकारी कृपया किसी शनिवार (काव्यशाला) के अंतर्गत दें । सादर
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    Indu Gupta 6:00pm Jan 3
    wah

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  4. via fb/आगमन ...एक खूबसूरत शुरुआत
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    DrMohinder Sharma 6:02pm Jan 3
    Heartiest congratulations

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